5 उपाय उदासी या तनाव दूर करने के
🙏नमस्कार दोस्तों ,स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग 🍎अच्छी सेहत का राज पर दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे उदासी दूर करने के 5 उपाय के बारे में, अभी का समय अच्छा नहीं चल रहा है। हर जगह लोग डरे हुए हैं अभी कोरोना महामारी का दौर चल रहा है जिसने देश-विदेश सभी जगह पैर पसार लिया है।
हर व्यक्ति चिंता में डूबा हुआ है और करोना जैसी महामारी से भयभीत है। इस समस्या से छुटकारा तो तभी मिलेगा जब वैक्सीन का इजात हो जाएगा, लेकिन कुछ सरल उपायों का पालन करके हम अपनी उदासी तनाव को दूर कर सकते हैं।
उदासी या तनाव दूर करने के 5 उपाय
1. अखबार न पढ़ें।
अखबार पढ़ने के शौकीन लोगो को शायद मेरी यह सुझव खराब लग सकती है,लेकिन मैं हकीकत बयान कर रहा हूं।
सुबह-सुबह सबसे ज्यादा तनाव अखबार देख कर ही हो जाता है।
अखबारो में ज्यादातर नकारात्मक कहानियां,खबरें ही प्रकाशित करते हैं।
शांतिपूर्ण अवधि में भी, समाचारपत्र ग्राहकों को बढ़ावा देने के लिए नकारात्मक कहानियों को प्रदर्शन पर रखते है।
अखबारों में युद्ध, विद्रोह, मृत्यु, विनाश, कयामत और निराशा पर केंद्रित कहानियां ज्यादा पढ़ने को मिलती है।
अखबार पढ़ना बंद करें और अपने दिमाग के अंदर से नकारात्मक विचारो को कम करें।chinta dur karne ka mantra एक यह भी है की आप न्यूज़ पेपर न पढें।
2. अपना टेलीविजन बंद करें।
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दोस्तों बहुत से ऐसे लोग हैं जो सुबह उठकर सबसे पहले टेलीविजन चालू करते हैं ।
और न्यूज़ चैनल लगा लेते हैं ।
न्यूज़ चैनल पर तो आजकल कोरोना वायरस के चर्चे ही चल रहे हैं ।
कहां कितनी मृत्यु हुई, कितने लोग बीमार पड़े, कितने एक्टिव केसेस हैं ,कितने लोग ठीक हुए ,बस यहि सब चल रहा है।
समाचार देखना भी जरूरी है, मैं यह नहीं कहता कि समाचार देखना बिल्कुल जरूरी नहीं है ।
समाचार देखें लेकिन सुबह सुबह अपना टीवी खोल कर समाचार देखने मत बैठ जाए ।
सुबह के जो नित्य क्रिया है , वह करिए उसके बाद 10 मिनट के लिए समाचार सुनिए समाचार सुनने से आपका ज्ञान तो बढ़ेगा लेकिन आपका तनाव भी बढ़ेगा ।
टीवी पर सुबह-सुबह नकारात्मक खबरें सुन- सुन कर आपके दिमाग में नकारात्मक सोच उत्पन्न होने लगेगी ।
आपके आसपास का वातावरण नकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा ।
इससे आपको बाहर निकलने की आवश्यकता है और बाहर निकलने का , एक सरल मार्ग है कि आप सुबह-सुबह अपना टेलीविजन चालू ना करें इसे कृपया बंद ही रहने दें।
टेलीविजन आपकी सकारात्मक भावना को कम करता है।
3. दूसरों के बारे में हमेशा अच्छी बातें ही कहें
यदि आप दूसरों के बारे में कुछ अच्छा नहीं कह सकते, तो कुछ बुरा भी मत कहो।
आपने ऐसे बहुत से लोगों को देखा और सुना होगा जो कि आपके सामने किसी और व्यक्ति की बुराई करते हैं ।
उनके बारे में भला बुरा कहते हैं, इनसे बच के रहें ।
जो व्यक्ति आपके सामने किसी और की बुराई करता है वह निश्चित ही 100% किसी और के सामने आपकी बुराई जरूर करता होगा।
ऐसे लोगों से दूरी बनाकर ही रखें ,यह आपके अंदर की सकारात्मक सोच को नकारात्मक सोच में बदलने की पूरी क्षमता रखते हैं।
लेकिन आपको अपने अंदर सकारात्मक सोच उत्पन्न करना है। आप किसी के भी नकारात्मक बात में सकारात्मक बातों को उत्पन्न करने की क्षमता रखिए।
नाकारात्मक कथन को सकारात्मक के साथ जोड़िए।
किसी के बयान में सकारात्मक को खोजने के लिए खुद को स्थापित करें और आप नकारात्मक विचारों और उदासी को अपने जीवन से निकालने में जरूर कामयाब हो जाएंगे।
एक महान प्रेरक ने एक बार कहा था, "हर किसी से ऐसे मिले जैसे कि पहली मुलाकात ही आखिरी मुलाकात है"
यदि आप किसी से बात कर रहे है तो यह सोच कर करिये कि यह व्यक्ति आपके जीवन में दोबारा कभी आप से कभी नहीं मिलेगा ।
तो आप उस व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार करेंगे यह सोचकर आप किसी भी व्यक्ति से बातचीत कीजिए।
ऐसा कर के देखियेगा आप कभी भी किसी के बारे में खराब नही बोल पाएंगे।
4. शारीरिक व्यायाम करें
निराशा से पीड़ित होने पर व्यायाम के बारे में भूल जाते हैं।
सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन व्यायाम कर रहे हैं और अपने दिमाग की कोशिकाओं को अधिक oxygen भेज रहे हैं।
Exercise का परिणाम आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके दृष्टिकोण में भी सुधार कर सकता है।
5. गहरी सांस लेते हुए आराम करें।
अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए कुछ श्वास व्यायाम का अभ्यास करें।
गहरी सांस लें और आराम करें। प्रत्येक घंटे में 2 या 3 मिनट के लिए, एक छोटी मानसिक छुट्टी लें।
आप इस अभ्यास में संलग्न हो सकते हैं जब आप सुपरमार्केट में चेकआउट लाइन में खड़े होते हैं या टेलीफोन पर बात करते समय दूसरों को सुनते हैं। आप घर पर या अपने कार्य क्षेत्र पर व्यायाम पूरा कर सकते हैं।
तीन गहरी साँस लें और आराम करें। जैसा कि आप श्वास लेते हैं, शांत और शांतिपूर्ण विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। आप समुद्र के किनारे, समुद्र के किनारे या आराम से अपने घर पर अपने favourite कमरे में आराम करने के बारे में सोच सकते हैं।
जैसे ही आप अपने फेफड़ों से सांस छोड़ते है उस वक़्त किसी भी तनाव को बाहर निकालने पर ध्यान केंद्रित करें।
अपने जीवन में सकारात्मक छवियों पर ध्यान दें। हँसी, प्यार, उत्साह और आशा पर ध्यान दें।
जब तक आप बेहतर महसूस नहीं करते तब तक इस पैटर्न में सांस अंदर-बाहर करते रहें।
यदि आप अक्सर अभ्यास करते हैं, तो आप अपने दृष्टिकोण और अपने जीवन के अन्य पहलुओं में अद्भुत बदलाव देखेंगे।
अब अपने निराशा और तनाव को कम करें! अपने परिवार, अपने दोस्तों और अपने जीवन का आनंद लें।
धन्यवाद
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